22 साल की उम्र में आईएएस बन गए हिमांशु, इनके पढ़ने के तरीके ने सबको किया हैरान, देखें
यूपीएससी क्लीयर करना आसान नहीं, पर नामुमकिन भी नहीं। 22 साल के हिमांशु नागपाल ने जब आईएएस बनने की ठानी तो पढ़ाई का तरीका ऐसा चुना, कि पहले प्रयास में क्लीयर कर गए एग्जाम।हरियाणा के हिसार जिले के शहर हांसी निवासी पंकज नागपाल के पुत्र हिमांशु नागपाल ने यूपीएससी परीक्षा में 26वीं रैंक हासिल करके इतिहास रचा है। हिमांशु ने मात्र 22 साल की उम्र में अपने पहले ही प्रयास में ये सफलता हासिल की है। इस उपलब्धि पर हिमांशु नागपाल के परिवार व दोस्तों में जश्न का माहौल है। यूपीएससी परीक्षा परिणाम घोषित होते ही हिमांशु की दादी शीला देवी, माता पुष्पलता, भाई राघव नागपाल, चाचा नरेश कुमार सहित पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।जब इस सफलता के बारे में हिमांशु से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें कुछ बन दिखाने की प्रेरणा अपने माता-पिता से मिली। उनके परिजनों ने हर कदम पर उनका पूरा मार्गदर्शन किया। स्कूली शिक्षा के दौरान ही उन्होंने आईएएस बनकर देश की सेवा करने का लक्ष्य बना लिया था।
स्कूलिंग खत्म होते ही वे यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में जुट। दिल्ली के एक सेंटर से कोचिंग लेते हुए कड़ी मेहनत की और देश भर में 26वीं रैंक हासिल की।हिमांशु नागपाल की दादी शीला देवी ने बताया कि स्कूल के समय से ही हिमांशु अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर था। वह हमेशा अच्छे नंबर लेकर आया। वह मकान की तीसरी मंजिल पर बैठकर घंटों तक पढ़ाई करता था। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान उसने हांसी में अपने घर के तमाम कार्यक्रमों में आना ही कम कर दिया था। दिवाली व होली के त्योहार पर भी घर पर न आकर उसने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करना जारी रखा, और इसका नतीजा आज सभी के सामने है।
यूपीएससी क्लीयर करना आसान नहीं, पर नामुमकिन भी नहीं। 22 साल के हिमांशु नागपाल ने जब आईएएस बनने की ठानी तो पढ़ाई का तरीका ऐसा चुना, कि पहले प्रयास में क्लीयर कर गए एग्जाम।हरियाणा के हिसार जिले के शहर हांसी निवासी पंकज नागपाल के पुत्र हिमांशु नागपाल ने यूपीएससी परीक्षा में 26वीं रैंक हासिल करके इतिहास रचा है। हिमांशु ने मात्र 22 साल की उम्र में अपने पहले ही प्रयास में ये सफलता हासिल की है। इस उपलब्धि पर हिमांशु नागपाल के परिवार व दोस्तों में जश्न का माहौल है। यूपीएससी परीक्षा परिणाम घोषित होते ही हिमांशु की दादी शीला देवी, माता पुष्पलता, भाई राघव नागपाल, चाचा नरेश कुमार सहित पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।जब इस सफलता के बारे में हिमांशु से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें कुछ बन दिखाने की प्रेरणा अपने माता-पिता से मिली। उनके परिजनों ने हर कदम पर उनका पूरा मार्गदर्शन किया। स्कूली शिक्षा के दौरान ही उन्होंने आईएएस बनकर देश की सेवा करने का लक्ष्य बना लिया था।
स्कूलिंग खत्म होते ही वे यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में जुट। दिल्ली के एक सेंटर से कोचिंग लेते हुए कड़ी मेहनत की और देश भर में 26वीं रैंक हासिल की।हिमांशु नागपाल की दादी शीला देवी ने बताया कि स्कूल के समय से ही हिमांशु अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर था। वह हमेशा अच्छे नंबर लेकर आया। वह मकान की तीसरी मंजिल पर बैठकर घंटों तक पढ़ाई करता था। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान उसने हांसी में अपने घर के तमाम कार्यक्रमों में आना ही कम कर दिया था। दिवाली व होली के त्योहार पर भी घर पर न आकर उसने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करना जारी रखा, और इसका नतीजा आज सभी के सामने है।
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